मंदसौर

इसे समाज में लड़कियों के प्रति बदलती मानसिकता माना जाए या फिर बालिकाओं में आगे बढ़ने की ललक, पर यह अच्छा संकेत है कि हाईस्कूल स्तर पर स्कूलों में बालिकाओं के भर्ती होने का आंकड़ा साल दर साल बढ़ता ही जा रहा है। सरकारी स्कूलों से मिले आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2007-08 में जहां 7607 बालिकाओं ने प्रवेश लिया था। वह 2013-14 में बढ़कर 17379 तक पहुंच गया है। उच्च शिक्षा की तरफ बालिकाओं के बढ़ते कदम आंकड़े बयां कर रहे हैं। हालांकि बालिकाओं की संख्या में बढ़ोतरी के मान से जिले में कन्या हासे और हाईस्कूलों की संख्या काफी कम है।

वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार जिले का लिंगानुपात प्रति हजार बालक पर 946 बालिकाएं था। 2011 की जनगणना में यह आंकड़ा घटकर 925 तक पहुंच गया। लिंगानुपात के आंकड़े बता रहे हैं कि जिले में बालिकाओं की संख्या घट रही है। लेकिन उसके विपरीत शिक्षा के क्षेत्र में लड़कियां साल दर साल लड़कों को पीछे छोड़ रही हैं। 7 सालों में हाईस्कूल में कुल विद्यार्थियों में छात्राओं की संख्या में छात्रों से ज्यादा बढ़ोतरी हो रही है। वर्ष 2006-07 में हाईस्कूल में छात्राओं की संख्या 7249 थी। यह आंकड़ा वर्ष 2014-15 में बढ़कर 17379 हो गया। पर ग्रामीण क्षेत्रों में पृथक से शासकीय कन्या हासे स्कूल का अभाव भी ग्रामीण क्षेत्रों में बालिकाओं की शिक्षा के आड़े आ रहा है।

19 प्रश तक की बढ़ोतरी

वर्ष 2007-08 में हाईस्कूल में लड़कों की संख्या 14291 थी और लड़कियों की संख्या उसकी आधी 7607 थी। 2014-15 में लड़कों की संख्या 24381 पहुंच गई। लड़कियों की संख्या भी 17 हजार को पार कर गई। बीते 9 सालों में वर्ष 2012-13 में हाईस्कूल में लड़कियों की संख्या में 19 प्रश से ज्यादा बढ़ोतरी दर्ज की गई। इन सालों में इसी वर्ष सबसे ज्यादा 13 प्रश वृद्घि लड़कों की रही।

सिर्फ 10 कन्या हासे

जिले में सिर्फ 10 कन्या हासे स्कूल ही हैं। इसमें दो जिला मुख्यालय पर हैं। इसके अलावा नारायणगढ़, पिपलियामंडी, मल्हारगढ़, सीतामऊ, सुवासरा, शामगढ़, गरोठ और भानपुरा में ही कन्या हासे स्कूल है। भैंसोदा और गांधीसागर में कन्या हाईस्कूल मौजूद हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में कन्या हाईस्कूल नहीं होने के कारण अभी भी लड़कियों को स्कूल नहीं भेजा जा रहा। इससे माध्यमिक शिक्षा के बाद भी लड़कियां आगे नहीं पढ़ पा रही हैं।

विद्यार्थियों की संख्या

में भारी इजाफा

स्कूल चले अभियान सहित, साइकिल वितरण, गणवेश वितरण और पुस्तक वितरण सहित शिक्षा के प्रति जागृति लाने संबंधी अन्य योजनाओं का असर अब दिखने लगा है। जिले में हर साल विद्यार्थियों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। वर्ष 2006-07 में सरकारी स्कूल में विद्यार्थियों की कुल संख्या 20678 थी। 2013-14 में यह आंकड़ा बढ़कर 41760 हो गया है। हालांकि बीते तीन सालों में औसत वृद्घि में काफी कमी आई है। वर्ष 2012-13 में विद्यार्थियों की संख्या में 15.61 प्रश की बढ़ोतरी हुई थी। 2013-14 में 2.44 प्रश और बीते साल 5.81 प्रश ही बढ़ोतरी दर्ज की गई।

बढ़ रही है संख्या

छात्रों के मान से छात्राओं की संख्या में औसत बढ़ोतरी ज्यादा हो रही है। जिले में कन्या स्कूलों की संख्या कम है। इसके लिए अन्य जगहों पर भी स्कूल खोलने के लिए मांग शासन से की जाएगी।

-बीएस पटेल

उप संचालक, शिक्षा

इस तरह बढ़ा बालिकाओं का प्रतिशत

वर्ष छात्र छात्राएं कुल छात्र प्रश छात्रा प्रश

2007-08 14291 7607 21898 6.42 4.94

2008-09 15958 9396 25354 11.66 23.52

2009-10 18011 11187 29198 12.87 19.06

2010-11 18513 11798 30311 2.79 5.46

2011-12 20065 13283 33348 8.38 12.59

2012-13 22685 15868 38553 13.06 19.46

2013-14 23081 16414 39495 1.75 3.44

2014-15 24381 17379 41760 5.63 5.88