रीवा

लगातार हो रही बारिश अभी भी खरीफ बोवनी के लिए नाकाफी है।खासतौर पर धान का रोपा लगाने के लिए खेत में अभी पर्याप्त पानी नहीं है। स्थिति यह है कि अब तक हुई बोवनी का रकबा कृषि अधिकारियों को भी मायूस कर रहा है।तसल्ली इस बात की है कि सोयाबीन का रकबा 70 फीसदी के करीब पहुंच गया है।

सोयाबीन के लिए मिला अभी मौका

जिले में धान की बोवनी के लिए कृषि विभाग ने अब की बार तकरीबन 165 हजार हेक्टेयर का लक्ष्य रखा है। लेकिन अभी धान का रोपा लगाने के लिए पर्याप्त बारिश न हो पाने से बोवनी 15 से 20 फीसदी के बीच अटकी है।हालांकि मौका मिलने पर किसानों ने जैसे-तैसे सोयाबीन की बोवनी जरूर कर ली है। अधिकारियों के मुताबिक जिले में अब तक 55 हजार हेक्टेयर से अधिक रकबे में सोयाबीन की बोवनी हो चुकी है।

मूंग व उड़द की फसल से उम्मीद

किसानों और कृषि अधिकारियों को अब मूंग व उड़द की बोवनी से उम्मीद है। अल्पकालीन फसल होने के नाते किसान इन फसलों की बोवनी 25 जुलाई तक कर सकते हैं। इन दोनों फसलों के लिए आठ व 17 हजार हेक्टेयर बोवनी का लक्ष्य निर्धारित किया है। चैती अरहर की बोवनी के लिए भी किसानों के पास अभी मौका है।

लगाएं धान की कम दिनी फसल

कृषि वैज्ञानिक डॉ. एके पाण्डेय के मुताबिक यहां किसानों में धान के छिटकवा बोवनी का चलन है।किसानों को चाहिए कि सीड ड्रिल से लाइन में बोवनी करें। छिटकवा बोवनी करते भी हैं तो किसानों को कम दिनों वाली सुरभि, जेआर 15, जेआर-16 1-1, जेआर 201, दंतेश्वरी व पूर्वा जैसी अगहनी किस्मों का चयन करना होगा। नहीं तो उत्पादन प्रभावित होगा। पानी की सुविधा है तो किसान अभी रोपा भी लगा सकते हैं।