बीजेपी की सहयोगी पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी अगर आगामी 23 मार्च को होने जा रहे राज्यसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में वोट नहीं करती है, तो सत्तारूढ़ दल को अपना नौवां प्रत्याशी जिताने के लिए मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है.

राज्यसभा चुनाव में बिगड़ सकता है बीजेपी का गणित, अब यूपी में इस सहयोगी पार्टी ने दिखाई आंखें

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीटों के उपचुनाव में हाल में हुई पराजय के बाद सत्तारूढ़ बीजेपी को सूबे की 10 सीटों के लिए इस हफ्ते होने वाले राज्यसभा चुनाव में भी मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है. बीजेपी के साथ मिलकर पिछला विधानसभा चुनाव लड़ने वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के चार विधायक आगामी राज्यसभा चुनाव में भाजपा का खेल बिगाड़ सकते हैं. प्रदेश की 403 सदस्यीय विधानसभा में अपने संख्या बल के आधार पर भाजपा 10 में से आठ सीटें आसानी से जीत सकती है, मगर उसने अपना नौवां प्रत्‍याशी भी खड़ा किया है. वहीं, सपा और बीएसपी बाकी दो सीटें जीतने के प्रति आश्वस्त हैं.

कई मौकों पर सरकार के प्रति नाराजगी जता चुके ओमप्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी अगर आगामी 23 मार्च को होने जा रहे राज्यसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में वोट नहीं करती है, तो सत्तारूढ़ दल को अपना नौवां प्रत्याशी जिताने के लिए मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है. सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने कहा, “हम अभी से कैसे बता सकते हैं कि अगले राज्यसभा चुनाव में हम भाजपा को वोट देंगे या किसी अन्य पार्टी को. हमने अभी इस पर कोई अंतिम फैसला नहीं किया है.”

इससे पहले कई मौकों पर सरकार के प्रति नाराजगी जता चुके राजभर ने कहा, “हालांकि हम अभी भाजपा के साथ गठबंधन में हैं, लेकिन सवाल यह है कि क्या भाजपा ने राज्यसभा और गोरखपुर तथा फूलपुर लोकसभा सीटों के उपचुनाव के लिए अपने प्रत्याशी तय करने से पहले हमसे कोई सलाह ली थी?” राजभर ने कहा कि भाजपा ने नगरीय निकाय चुनाव में अपने प्रत्याशी खड़े किए, लेकिन क्या तब उसने गठबंधन धर्म निभाया? यहां तक कि लोकसभा उपचुनाव में भी भाजपा ने अपने सहयोगी दलों से यह नहीं पूछा कि उपचुनाव में उनकी क्या भूमिका होगी?