ड्रैगन की खतरनाक डगर : भारत और चीन के बीच बढ़ती तनातनी की मुख्‍य वजह 'चिकन नेक'

भारत और चीन के बीच सिक्किम क्षेत्र में बढ़ती तनातनी की मुख्‍य वजह भू-सामरिक दृष्टिकोण से महत्‍वपूर्ण भारतीय जमीन के उस टुकड़े को माना जा रहा है जिसे ‘चिकन नेक’ के नाम से जाना जाता है. चीन, भारत को इस क्षेत्र में घेरना चाहता है. इसलिए वह सिक्किम-भूटान और तिब्‍बत के मिलन बिंदु स्‍थल (डोका ला) तक एक सड़क का निर्माण करने की कोशिश कर रहा है जिस पर भारत को आपत्ति है. इस सड़क का निर्माण वह भूटान के डोकलाम पठार में कर रहा है.


इस क्षेत्र के अधिकार को लेकर चीन और भूटान के बीच विवाद है. चीन इस क्षेत्र को डोंगलांग कहता है और प्राचीन काल से अपना हिस्‍सा बताता है. इसीलिए अपनी सेना के गश्‍ती दल को वहां भेजता रहता है. दरअसल चीन की मंशा डोकलाम से डोका ला तक इस सड़क के निर्माण से दक्षित तिब्‍बत में स्थित चुंबी घाटी तक अपनी पैठ को बढ़ाना है. यह घाटी हंसिए की तरह है जो सिक्किम और भूटान को अलग करती है.

दरअसल यदि डोका ला तक चीन सड़क का निर्माण कर लेता है तो उसकी सेना को यहां से तकरीबन 50 किमी दूर संकरे सिलिगुड़ी कॉरीडोर तक सामरिक बढ़त मिल जाएगी जोकि पश्चिम बंगाल का हिस्‍सा है. इसी कॉरीडोर को कथित रूप से ‘चिकन नेक’ कहा जाता है और यह भारत की मुख्‍य भूमि को उत्‍तर-पूर्व राज्‍यों से जोड़ने का एकमात्र जरिया है.

चुंबी घाटी का चक्‍कर
रक्षा जानकारों के मुताबिक चुंबी घाटी में चीन की गतिविधियां भारत के लिए चिंता का सबब है. यह मानचित्र में हंसिए की तरह का हिस्‍सा है जो भारत के चिकन नेक से ठीक ऊपर स्थित है. अभी इस क्षेत्र में भू-सामरिक लिहाज से भारत बेहतर स्थिति में है लेकिन डोकलाम से डोका ला तक सड़क निर्माण कर चीन, इन देशों के मिलन बिंदु स्‍थल तक पहुंचकर भारत को घेरना चाहता है.