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                                                              सांकेतिक तस्वीर
मध्यप्रदेश के उज्जैन से सांसद अनिल फिरोजिया ने सरकार से 12वीं तक निशुल्क शिक्षा देने की मांग की है। अभी सरकार आरटीई के तहत निजी स्कूलों में कक्षा 8वीं तक की मुफ्त पढ़ाई की व्यवस्था करती है ,जिसके चलते गरीब परिवारों के बच्चे भी देश के नामचीन स्कूलों में पढ़ाई कर पा रहे हैं। इन बच्चों की फीस सरकार निजी स्कूलों को देती है।

लेकिन इस कानून के लागू होने के करीब नौ साल बाद अब 8वीं तक इस योजना के तहत निजी स्कूलों में पढ़कर 9वीं में जाते ही मुफ्त शिक्षा की व्यवस्था खत्म हो रही है क्योंकि आरटीई के तहत मुफ्त शिक्षा व्यवस्था सिर्फ 8वीं तक ही है। और 9वीं कक्षा में जाते ही विद्यार्थियों के परिजनों को स्कूलों को उनके तय अनुसार फीस का भुकतान करना पड़ रहा है। इस कारण हजारों, लाखों बच्चों को मजबूरन पढ़ाई छोड़नी पड़ी है।

देशभर के लाखों विद्यार्थियों व उनके परिजनों का दर्द समझते हुए उज्जैन आलोट के सांसद अनिल फिरोजिया ने इस मामले को गुरुवार को लोकसभा में उठाया और सदन का ध्यान इस गंभीर मुद्दे पर खींचा। सांसद फिरोजिया ने सरकार से मांग की कि शिक्षा का अधिकार की तर्ज पर ऐसी व्यवस्था की जाए कि गरीब परिवार के बच्चे 8वीं के बाद आगे भी मुफ्त शिक्षा ले सकें।

इसलिए सांसद फिरोजिया ने मांग रखी है कि सरकार 12वीं तक निशुल्क पढ़ाई की व्ययस्था करे। इनकी पीड़ा को समझते हुए आज सदन में मांग की गई है कि सरकार ऐसी व्यवस्था करे जिससे इन बच्चों की 12वी कक्षा तक कि पढ़ाई फ्री हो सके। तभी इस अभियान की पूर्ण सार्थकता रहेगी।

ये है दर्द
सांसद फिरोजिया ने बताया कि देश के लाखों प्रतिभाशाली बच्चे जो आर्थिक तंगी के कारण अच्छे निजी स्कूलों में नहीं पढ़ पा रहे थे। ऐसे लाखों बच्चों के लिए ये योजना वरदान है। जिसके कारण बच्चों को उन स्कूलों में पढ़ने का मौका मिला जहां बड़े लोगों के बच्चे ही पढ़ सकते थे।

लेकिन अब 8वीं तक अपने आप को सिद्ध करते आए इन बच्चों के कोमल मन पर क्या बीतेगी जब इनको पढ़ाई छोड़कर छोटे-मोटे काम करने पड़ेंगे।  प्रतिभा होते हुए भी ये समाज में पिछड़ जाएंगे। इसी बात को सोचते हुए इस मुद्दे को सदन में उठाया गया।