Coronavirus: बस पास के चक्कर में करना पड़ रहा आठ-दस घंटे का इंतजार, लोग निकल रहे पैदल
सार
- तालमेल की कमी ने बढ़ाई मजदूरों की मुश्किल
- रविवार दोपहर 12 से लेकर 02:30 बजे के बीच सैकड़ों बसों को पास जारी कर उन्हें रवाना किया जा सका
- दिल्ली से बाहर जाना चाह रहे लोगों को आनंद विहार बस अड्डे पर उपलब्ध बसें पूरी तरह मुफ्त है
- यात्रियों की शिकायत है कि उन्हें किसी भी प्रकार की सही सूचना नहीं दी जा रही
विस्तार
विभागीय अधिकारियों में आपसी तालमेल की कमी लोगों की जिन्दगी पर किस तरह भारी पड़ती है, आनंद विहार बस अड्डे पर फैली अफरा-तफरी इसका जीता-जागता उदाहरण है। आनंद विहार बस अड्डे पर रविवार को एक तरफ तो सैकड़ों की संख्या में बसें खड़ी मिलीं, तो दूसरी ओर हजारों गरीब मजदूर किसी तरह अपने घर जाने के लिए सुबह से लाइनों में लगकर खड़े हैं और परेशान हो रहे हैं।
बसों को यूपी के विभिन्न इलाकों में जाने के लिए उचित परमिट/पास न होने के नाम पर बसें खड़ी रखी गईं और लोग परेशान होते रहे। रविवार दोपहर बारह बजे से लेकर 02:30 बजे के बीच सैकड़ों बसों को पास जारी कर उन्हें रवाना किया जा सका, जिसके बाद बस अड्डे पर भीड़ कम हुई।
बस अड्डे पर ड्यूटी में तैनात पुलिस के एक आला अधिकारी ने अमर उजाला को बताया कि उनके पास कितनी बसें उपलब्ध हैं, इसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई है। लॉकडाउन के कारण इस समय आवागमन पूरी तरह प्रतिबंधित है। इसलिए बसों को शीर्ष अधिकारियों के पास मिलने के बाद ही रवाना किया जा रहा है।
पास मिलने में समय लगने के कारण कुछ देरी हो रही है। वहीं, एक बस ऑपरेटर चरनजीत सिंह ने बताया कि उन्हें परिवहन विभाग से भी पास लेना पड़ रहा है, लेकिन इस प्रक्रिया में भी काफी देरी हो रही है। इस वजह से बसों को समय से छोड़ा नहीं जा सका है। हालांकि अब काफी संख्या में पास जारी किये जा रहे हैं और बसों को छोड़ा जा रहा है।
वहीं, यात्रियों की शिकायत है कि उन्हें किसी भी प्रकार की सही सूचना नहीं दी जा रही हैं। उन्हें सुबह से इसी तरह खड़े रखा गया है और वे बसों की प्रतीक्षा कर रहे हैं। औरतें, बच्चे, बीमार और बूढ़े लोग भी धूप में खड़े होकर अपनी बारी की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
प्रशासन की तरफ से उन्हें कोई सुविधा नहीं दी गई है। हालांकि, सामाजिक कार्यकर्ता लोगों को लगातार भोजन और पानी मुहैया करा रहे हैं।
दिल्ली का परिवहन विभाग चुकाएगा पैसा
आने-जाने की पूरी यात्रा के लिए उन्हें दिल्ली के परिवहन विभाग से भुगतान किया जायेगा। बसों को मिलने वाले पास में इस बात का स्पष्ट उल्लेख कर दिया गया है कि बस ऑपरेटर यात्रियों से किसी प्रकार का किराया नहीं लेंगे और दिल्ली का परिवहन विभाग निर्धारित दरों पर उन्हें भुगतान करेगा।
सोशल दूरी नहीं
इससे कोरोना संक्रमण के और अधिक फैलने और भारी संख्या में लोगों के इनकी चपेट में आने का खतरा बहुत बढ़ गया है।
बसें नहीं तो पैदल ही सही
अनेक लोग अभी भी रेल पटरियों के रास्ते ही अपने घरों को निकल रहे हैं। पुलिस के बार-बार मना करने के बाद भी लोग मान नहीं रहे हैं। दिल्ली पुलिस ने राजधानी के कई इलाकों से लोगों की भीड़ न निकले, इस कारण से प्रतिबंध लगा दिया है, लेकिन इसके बाद भी लोगों की भीड़ बस अड्डे की तरफ लगातार आ रही है और यहां लोगों की संख्या कम नहीं हो रही है।