नई दिल्ली, जेएनएन। चीन ने रूस से आयातित उन्नत एस-400 (S-400 Missile Air Defence System) वायु रक्षा प्रणाली का सफलतापूर्वक परीक्षण कर लिया है, जिसके लिए अमेरिका से प्रतिबंधों की धमकी पर चिंताओं के बावजूद भारत ने हाल ही में हस्ताक्षर किए हैं। चीनी सेना, पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने पहली बार इस प्रणाली का परीक्षण किया है, इसकी डिलीवरी रूस ने जुलाई में कर दी थी। चीन और रूस के बीच साल 2014 में इस रक्षा प्रणाली के लिए 3 बिलियन डॉलर में डील हुई थी। भारत को रूसी S-400 Triumf मिसाइल सिस्टम की डिलीवरी कब होगी, इसकी कोई तारीख अभी तक सामने नहीं आई है।
बताया जा रहा है कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी रॉकेट फोर्स ने पिछले महीने एस-400 का परीक्षण किया था। परीक्षण के दौरान S-400 Triumf वायु रक्षा प्रणाली ने लगभग 250 किलोमीटर दूर ‘सिम्युलेटेड बैलिस्टिक लक्ष्य’ को सफलतापूर्वक नष्ट किया। ये लक्ष्य की ओर 3 किलोमीटर प्रति सेकंड की सुपरसोनिक गति से आगे बढ़ा। हांगकांग-स्थित दक्षिण चीन मॉर्निंग पोस्ट ने गुरुवार को रूसी मीडिया रिपोर्टों के हवाले से ये जानकारी दी। हालांकि परीक्षण के स्थान का खुलासा नहीं किया गया है। बता दें कि भारत ने रूस के साथ हथियारों की खरीद पर अमेरिकी कांग्रेस द्वारा काउंटरिंग अमेरिका के सलाहकारों के माध्यम से प्रतिबंध अधिनियम (CAATSA) के तहत प्रतिबंधों की धमकी के बावजूद इस वर्ष अक्टूबर में इस प्रणाली को खरीदने के लिए 5 बिलियन अमेरिकी डालर के समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। भारत चाहता है कि लंबी दूरी की मिसाइल प्रणाली हमारे वायु रक्षा तंत्र को मजबूत करे, खासकर 3488 किलोमीटर लंबी चीन-भारत सीमा पर इसको तैनात किया जाए।