नई दिल्ली। वाड्रा लैंड डील मामले में जस्टिस ढींगरा ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को सौंप दी है उन्होंने सीलबंद लिफाफे में 182 पेज की रिपोर्ट सौंपी है। जस्टिस ढींगरा ने कहा कि जवीन आवंटन में गड़बड़ी पाई गई है। मैंने सरकार को रिपोर्ट सौंप दी है अब उन्हें कार्रवाई करनी है। उन्होंने बताया कि रिपोर्ट दो हिस्सों में सौंपी गई है एक में जांच है और दूसरे में सबूत हैं।

वहीं सीएम खट्टर ने कहा कि देखने के बाद हम इस पर फैसला लेंगे कि क्या करना है। उन्होंने कहा दोषी पाए गए अधिकारियों पर कार्रवाई होगी।

माना जा रहा है कि हरियाणा में जमीन घोटालों को लेकर बनाए गए जस्टिस ढींगरा कमीशन की रिपोर्ट सियासी हलकों में बवाल मचाने जा रही है। सूत्रों के हवाले से पता चला है कि जस्टिस ढींगरा ने अपनी रिपोर्ट में कई सरकारी अधिकारियों को तमाम नियम-कानून ताक पर रखकर प्रभावशाली लोगों को फायदा पहुंचाने का जिम्मेदार ठहराया है।

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आयोग की रिपोर्ट के आधार पर आपराधिक साजिश समेत कई धाराओं के तहत मुकदमे दर्ज हो सकते हैं। इनमें राबर्ट वाड्रा की कंपनियों समेत पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज हो सकता है।

यही नहीं इस रिपोर्ट की आंच कई अफसरों पर भी आने की उम्मीद है। सूत्रों के मुताबिक ढींगरा आयोग ने जांच के दौरान 50 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की, जिसमें दो दर्जन से ज्यादा अफसर शामिल हैं। इसके अलावा आयोग ने राबर्ट वाड्रा की कंपनी से सीधे नाता रखने वाली कई कंपनियों के अफसरों और कुछ दूसरों लोगों से भी पूछताछ, जिसमें कुछ के बयान गवाह के तौर पर जबकि कुछ लोगों के बयान पार्टी के तौर पर दर्ज किए गए हैं।

आयोग की रिपोर्ट के आधार पर आधा दर्जन से ज्यादा आपराधिक मुकदमे दर्ज कराए जा सकते हैं, जिसमें रॉबर्ट वाड्रा और भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नाम भी शामिल हो सकते हैं। जांच के दौरान आयोग ने रॉबर्ट वाड्रा और भूपेंद्र सिंह हुड्डा को भी पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन वो हाजिर नहीं हुए।