ग्वालियर। ग्रामीण क्षेत्र में फीडर सेंटर पर तैनात बिजली कंपनी के कर्मचारियों को कम से कम 10 घंटे थ्री फेस बिजली सप्लाई नहीं करना महंगा पड़ गया है। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के सीएमडी विवेक पोरवाल ने भोपाल और ग्वालियर रीजन के 214 कर्मचारियों के अक्टूबर-नवंबर माह के वेतन में से 2 लाख 55 हजार रुपए काट लिए हैं।

इस कार्रवाई से ग्वालियर व भोपाल रीजन के कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है। बिजली आपूर्ति की निगरानी के लिए हर डिवीजन में दिन व रात की आपूर्ति की दो-दो अधिकारी तैनात किए गए हैं, जो कटौती की समीक्षा कर रिपोर्ट सीएमडी को भेजते हैं।

बिजली कंपनी ने शहर, तहसील व गांव में बिजली के घंटे निर्धारित किए हैं, लेकिन कंपनी के कर्मचारियों ने गांव में बिजली आपूर्ति को लेकर काफी अनियमितता बरती और बिना कारण बिजली काट रहे थे। जिससे किसानों को कृषि कार्य में काफी परेशानी हो रही थी, लोगों ने कई बार प्रदर्शन किए और शिकायतें भी की। कॉल सेंटर पर भी कटौती की शिकायतों में इजाफा हो गया था।

इसके चलते सीएमडी विवेक पोरवाल ने निगरानी के लिए दिन व रात में दो-दो अधिकारी नियुक्त किए। बिजली आपूर्ति की रिपोर्ट तैयार में पाया गया कि बिना कारण कटौती की गई है। बेवजह कटौती करने पर सीएमडी ने अधिकारी व कर्मचारियों का वेतन काट दिया। यह कार्रवाई ग्रामीण फीडर के कर्मचारियों पर की गई है।

वसूली का लोड न आए, इसलिए कम दे रहे थे बिजली

बिजली कंपनी ने फीडर पर वसूली से लेकर शिकायतों के निराकण की जिम्मेदारी संबंधित इंजीनियर व लाइनमैन को दी है। फीडर पर जितनी बिजली आपूर्ति की गई है, उतनी बिल की वसूली का भी दबाव है। अगर आपूर्ति के हिसाब से वसूली नहीं आती है तो कर्मचारी की सीआर पर असर पड़ता है।

कंपनी के अधिकारियों ने फॉर्मूला निकाल लिया था कि बिजली आपूर्ति कम की जाएगी तो वसूली का लोड भी कम होगा। इसके चलते कर्मचारी बिजली बंद कर देते थे और लोगों की शिकायत भी नहीं सुनते थे। सख्त आदेश होने के बाद भी ग्रामीण फीडरों पर निर्धारित समय में बिजली नहीं दी, जिसके चलते कर्मचारियों पर बड़ी कार्रवाई हुई है।

कॉल सेंटर पर कर सकते हैं शिकायत

-बिजली कंपनी ने उपभोक्ताओं की शिकायत सुनने के लिए कॉले सेंटर खोला है। उपभोक्ता बिजली कटौती, बिजली बिल सहित अन्य किसी भी तरह की शिकायत कॉल सेंटर के नंबर 1912, 18002331912 नंबर पर अपनी शिकायत कर सकते हैं।

-इस नंबर पर की गई शिकायत को बिजली नियामक आयोग के निर्धारित मापदंडों के आधार पर निराकरण करना पड़ता है।

इन जिलों के कर्मचारियों का कटा वेतन

– गुना में 14 कर्मचारियों के 14 हजार।

– श्योपुर में 3 कर्मचारियों के 3 हजार।

-मुरैना में 17 कर्मचारियों के 31 हजार।

-भोपाल में 101 कर्मचारियों के एक लाख 16 हजार।

– होशंगाबाद-राजगढ़ में 79 कर्मचारियों के 81 हजार