मंदसौर। जिले में आठ दिन से चल रही संविदा स्वास्थ्य अधिकारी कर्मचारियों की हड़ताल के बाद 8 मार्च से स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत करीब 250 अन्य कर्मचारी भी हड़ताल पर चले जाएंगे। इससे जिले के सभी 170 उप स्वास्थ्य केंद्रों पर ताले लगाने की नौबत आना तय है। साथ ही अभी तक संविदा कर्मचारियों की जगह कार्य कर रहे महिला और पुरुष स्वास्थ्य कर्मचारियों के भी हड़ताल पर जाने से वहां भी समस्या हो जाएगी।

उप स्वास्थ्य केंद्रों पर कार्यरत महिला और पुुरुष स्वास्थ्य कार्यकर्ता, मलेरिया सुपरवाईजर, खंड विस्तार प्रशिक्षक सहित अन्य कर्मचारी मिलाकर करीब 250 कर्मचारी मंगलवार को अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर जा रहे हैं। स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष सत्यनारायण पाटीदार ने बताया कि वेतन विसंगति को दूर करने के साथ ही संविदा कर्मचारियों को स्थायी करने की मांग को लेकर भोपाल में निकलने वाली आक्रोश रैली में हिस्सा लेने के लिए कर्मचारी जाएंगे। सोमवार को कई कर्मचारी भोपाल के लिए रवाना हो गए। इसके बाद 9 मार्च को गांधी चौराहे पर धरना दिया जाएगा। संविदा कर्मचारियों की हड़ताल को भी हम समर्थन दे चुके हैं।

टीकाकरण, गोली वितरण

जैसे कार्य होंगे ठप

ग्रामीण क्षेत्रों में पदस्थ कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से टीकाकरण के साथ ही अन्य स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होंगी। हीमोग्लोबिन, रक्तचाप की जांच, ब्लड स्लाइड्स बनाना, शुगर टेस्ट, आयरन की गोली वितरण, बच्चों और महिलाओं का वजन लेना, परिवार कल्याण कार्यक्रम, कुष्ठ निवारण कार्यक्रम, शालेय स्वास्थ्य कार्यक्रम सहित अन्य काम ठप हो जाएंगे। आरोग्य केंद्रों पर भी स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होंगी।

राष्ट्रपति से मांगी इच्छा

मृत्यु, लिखे पोस्टकार्ड

गांधी चौराहे पर आठवें दिन सोमवार को भी संविदा स्वास्थ्य अधिकारी-कर्मचारियों का धरना जारी रहा। सोमवार को राष्ट्रपति के नाम पोस्टकार्ड लिखे गए, जिसमें इच्छा मृत्यु की मांग की गई। कर्मचारियों ने पोस्टकार्ड में 9 सूत्री मांगों का वर्णन करते हुए लिखा कि न कर्मचारियों को समान कार्य समान वेतन दिया जा रहा है और न ही इपीएफ सहित अन्य भत्ते दिए जा रहे हैं। आठ दिनों में मांगों का निराकरण नहीं किया गया। राष्ट्रपति से हस्तक्षेप करने की मांग करते हुए कर्मचारियों ने लिखा कि न्याय दिलाया जाए या इच्छा मृत्यु की अनुमति दी जाए।