राफेल विमान

राफेल विमान
लगता है कि राफेल सौदा सरकार का पीछा छोड़ने वाला नहीं है। बेशक उसे इस मामले में देश की सर्वोच्च अदालत से क्लीनचिट मिल गई है लेकिन विपक्ष उसे लगातार घेर रहा है। इसी बीच एक रिपोर्ट आई है कि सरकार ने फ्रांस से केवल 36 लड़ाकू विमानों का सौदा किया जबकि प्रस्तावित संख्या 126 थी। मगर सरकार ने विमानों की संख्या को कम करके प्रति विमान की कीमत को 41 प्रतिशत तक बढ़ा दिया। मतलब हर विमान अब 41 फीसदी ज्यादा की कीमत से अधिग्रहीत किया जा रहा है।कहना है द हिंदू की रिपोर्ट का। इस रिपोर्ट को एन राम ने लिखा है जो पूर्व मुख्य संपादक थे और अब उस कंपनी के अध्यक्ष हैं जिसके पास अखबार का मालिकाना हक है। रिपोर्ट में कहा गया है कि असल सौदे में दसॉल्ट भारत में बनने वाले 13 विमानों के डिजायन और विकास की फीस के तौर पर एक बार 1.4 बिलियन यूरो का मूल्य वसूल रहा था। इस राशि को नए सौदे में बातचीत करके 1.3 बिलियन यूरो पर लाया गया।

हालांकि यह राशि बहुत कम विमानों के लिए दी जा रही है तो इसका मतलब है कि प्रति विमान की कीमत जो पहले 11.11 मिलियन यूरो थी अब बढ़कर 36.11 मिलियन यूरो हो गई है। इसके परिणामस्वरूप एनडीए द्वारा जिस सौदे पर हस्ताक्षर किए गए हैं