लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन का ऐलान शुक्रवार को किया जा सकता है। बता दें कि सपा-कांग्रेस और रालोद का महागठबंधन बनने से पहले ही नाकाम हो गया। उम्मीद के मुताबिक सीटें नहीं मिलने पर रालोद ने अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। सपा और कांग्रेस में सीटों को लेकर बातचीत चल रही है। सपा ने साफ कर दिया है कि वह 300 से कम सीटों पर नहीं लड़ेगी।

जानकारी के अनुसार, साइकिल पर जीत हासिल करने के बाद शुक्रवार को अखिलेश यादव अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर सकते हैं। साथ ही वह आज चुनाव प्रचार अभियान का बिगुल भी फूकेंगे। अखिलेश आज कांग्रेस के साथ गठबंधन पर औपचारिक ऐलान भी कर सकते हैं। दरअसल, गठबंधन पर तो मुहर लग चुकी है, लेकिन मामला कुछ सीटों पर फंसा हुआ है। गठबंधन के ऐलान में अब तक हो रही देरी के लिए सीटों के बंटवारे पर चल रही खींचतान को वजह माना जा रहा था। अमेठी और रायबरेली में कांग्रेस ज्यादा सीटें चाहती है क्योंकि साल 2012 में अमेठी में दो सीटों पर कांग्रेस जीती थी। अमेठी में विधानसभा की 5 सीटें हैं।

सपा के साथ गठबंधन का औपचारिक ऐलान करने से पहले कांग्रेस सीटों के बंटवारे की प्रक्रिया पूरी कर लेना चाहती है। गुरुवार को सीटों की संख्या और उस पर प्रत्याशियों के चयन को लेकर दोनों दलों में माथापच्ची जारी रही। गुरुवार को सीटों के बंटवारे को लेकर दिल्ली से लखनऊ तक चर्चा होती रही लेकिन कोई फैसला नहीं हो पाया। प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर व कोआर्डिनेशन कमेटी के अध्यक्ष प्रमोद तिवारी समेत अन्य नेताओं के साथ वह दिल्ली में ही सीटों के बंटवारे पर मंथन करते रहे।

उधर, यूपी विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के लिए दल के मुखिया मुलायम सिंह यादव चुनाव प्रचार करेंगे। बताया जा रहा है कि कल अखिलेश सरकार के कैबिनेट मंत्री और पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान ने मुलायम सिंह यादव से इस बारे में बात की थी। मुलायम सिंह यादव अखिलेश यादव के अलावा पार्टी के सभी उम्मीदवारों के लिए चुनाव प्रचार करेंगे। यह भी कहा जा रहा है कि मुलायम जल्द ही चुनाव प्रचार की तारीखें तय करेंगे।

कांग्रेस महासचिव गुलाम नबी आजाद ने बीते दिनों कहा था कि भाजपा विरोधी गठबंधन का ब्योरा घोषित करने में कुछ वक्त लग सकता है। आजाद ने कहा था कि कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन करने का फैसला किया है और इसके ब्योरे की घोषणा अगले दो दिन में कर दी जाएगी। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी कहा था कि कांग्रेस के साथ गठबंधन पर फैसला ‘एक-दो दिन में’ कर लिया जाएगा।

गठबंधन की कवायद के तहत कांग्रेस को अखिलेश की अगुवाई वाली समाजवादी पार्टी 90 से 100 सीटों की पेशकश कर रही है।

बता दें कि उत्तर प्रदेश में कुल 403 विधानसभा सीटें हैं और गठबंधन की सूरत में सबसे ज्यादा सीटों पर अखिलेश की पार्टी लड़ेगी। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी सहित ज्यादातर विपक्षी पार्टियों का मानना है कि नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली भाजपा को उत्तर प्रदेश में रोकना जरूरी है, क्योंकि इस राज्य के विधानसभा चुनावों के परिणाम का अगले लोकसभा चुनाव पर काफी असर पड़ने की संभावना है।

दूसरी ओर, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर महागठबंधन बनाने को लेकर इसके दो संभावित घटक कांग्रेस एवं समाजवादी पार्टी के बीच मतभेद सामने आए हैं क्योंकि इसमें राष्ट्रीय लोक दल को शामिल किए जाने को लेकर दोनों के बीच सहमति नहीं बन पा रही है। राज्य की कुल 403 विधानसभा सीटों में से करीब 300 पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुकी सपा ने रालोद के साथ गठबंधन की संभावना को यह कहकर नकार दिया है कि वह केवल कांग्रेस के साथ गठबंधन करेगी। सपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरणमय नन्दा ने गुरुवार को बताया कि उनकी पार्टी अजित सिंह की अगुवाई वाले रालोद के साथ कोई गठबंधन नहीं करेगी। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने काफी विचार-मंथन के बाद यह फैसला किया है।

गठबंधन तथा सीटों के बारे में फैसला मुख्यमंत्री एवं सपा प्रमुख अखिलेश यादव एवं पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं के बीच छह घंटे तक चली बैठक में किया गया। सूत्रों के अनुसार खासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जनाधार रखने वाला रालोद गठबंधन के तहत ज्यादा सीटें मांग रहा था, मगर सपा इसके लिये तैयार नहीं थी। कांग्रेस ने रालोद प्रमुख्य अजीत सिंह के पुत्र जयंत चौधरी को कथित रूप से 20 सीटों की पेशकश की थी। सूत्रों के अनुसार अजीत ने कहा कि वह 30 से कम सीटों पर राजी नहीं होंगे तथा वह अकेले ही चुनाव मैदान में उतरने पर विचार करेंगे।