मैं बिहार विधानसभा भंग करने के लिए तैयार: नीतीश कुमार
इस कथन के बाद नीतीश कुमार ने एक शर्त रखी कि इसके साथ-साथ उत्तर प्रदेश की विधानसभा न केवल भंग की जाये बल्कि दोनों राज्यों से बीजेपी और उनके सहयोगी पार्टियों के जितने सांसद पिछले लोकसभा में जीत कर गए थे वो सब इस्तीफा दें.
पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीजेपी नेता और यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की बिहार विधानसभा भंग कर चुनाव कराने की चुनौती स्वीकार कर ली है. सोमवार को अपने संवाददाता सम्मलेन में नीतीश कुमार ने उतर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या के रविवार को पार्टी के एक कार्यक्रम में भाषण में बिहार विधानसभा भंग कर चुनाव कराने की चुनौती पर बोल रहे थे.
इस कथन के बाद नीतीश कुमार ने एक शर्त रखी कि इसके साथ-साथ उत्तर प्रदेश की विधानसभा न केवल भंग की जाये बल्कि दोनों राज्यों से बीजेपी और उनके सहयोगी पार्टियों के जितने सांसद पिछले लोकसभा में जीत कर गए थे वो सब इस्तीफा दें और सबका चुनाव एक साथ हो जाये. नीतीश का बयान न केवल चौंकाने वाला था बल्कि बिहार बीजेपी के ता का कहना है कि मौर्या का बयान बेबजह का था. मौर्य रविवार को पार्टी के एक कार्यक्रम में भाग लेने पटना आये थे जहाँ पूर्व में राजद और जनता दल यूनाइटेड से जुड़े कई नेताओं ने बीजेपी का दामन थामा.
मौर्या ने अपने भाषण में कहा था कि नीतीश जी के पास इतनी हिम्मत है और अपने काम पर भरोसा है तो चुनाव के मैदान में आ जाएं और भारतीय जनता पार्टी दिखा देगी कि जनता किसके साथ हैं.
नीतीश कुमार का बीजेपी नेताओं पर ये सीधा हमला राजनैतिक रूप से मायने रखता है. क्योंकि बीजेपी से उनके मधुर सम्बन्धों के बारे में निरंतर अटकले लगाई जाती हैं. रविवार को एक सरकारी कार्यक्रम में राजद अध्यक्ष लालू यादव ने खुलकर कहा था कि ये बात सुनकर वो भी तंग आ गए हैं कि नीतीश बीजेपी के साथ जा रहे हैं. हालाँकि लालू यादव ने ये भी कहा कि बिहार का महागठबंधन अटूट है और राष्ट्रीय स्तर पर भी ऐसा प्रयास जारी है.