इंदौर.- इंदौर के मेट्रो प्रोजेक्ट पर जल्द ही काम शुरू होने की उम्मीद बंधी है। भारी-भरकम बजट से परेशान सरकार को जापान की कुछ कंपनियों ने राहत दी है। ये कंपनियां प्रोजेक्ट के लिए फाइनेंस करने की इच्छुक हैं। भोपाल में इसी हफ्ते बैठक होने जा रही है, जिसमें जापान सरकार और छह कंपनियों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। इन सब कवायदों के बीच मेट्रो रेल कंपनी ने प्रोजेक्ट की प्रारंभिक डीपीआर वित्त मंत्रालय को भेज दी है।

प्रारंभिक सर्वे रिपोर्ट और डीपीआर के बाद मेट्रो रेल कंपनी का भी पूरा ध्यान रुपयों की व्यवस्था पर था। इसका रास्ता हाल ही में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की जापान यात्रा से निकला। वहां की सरकार के नुमाइंदों के साथ चर्चा के दौरान दोनों शहरों के प्रोजेक्ट का प्रस्तुतिकरण दिया गया। इसमें बताया गया, इंदौर और भोपाल की मेट्रो के लिए 25-25 हजार करोड़ का खर्च आना है। इस पर जायका-जापान इंटरनेशनल कॉर्पोरेशन एजेंसी ने प्रोजेक्ट के लिए करीब 11,250 करोड़ का ऋण देने पर सहमति दी। इसी आधार पर दिसंबर में जायका के प्रतिनिधियों ने गोपनीय रूप से दोनों शहरों का दौरा भी किया था।

इन कंपनियों के लोग आएंगे

11 फरवरी को जापान सरकार के दो मंत्रालय और 6 कंपनियों के अधिकारियों की टीम भोपाल आ रही है। इसमें जापान ओवरसीज रेलवे सिस्टम एसोसिएशन, ईस्ट जापान रेलवे, कावासाकी हैवी इंडस्ट्रीज, हिताची कंपनी, मित्सुबिशी इलेक्ट्रिकल, निप्पो सिग्नल कार्पोरेशन शामिल हैं। सभी कंपनियां सीएम और मेट्रो रेल कंपनियों के समक्ष प्रस्तुतिकरण देगी। इसी बैठक में ऋण शर्तों पर औपचारिक रूप से सहमति बन सकती है। प्रारंभिक चर्चा के दौरान जायका ने 0.3 प्रतिशत ब्याज पर ऋण देने की बात कही है। सभी कंपनियां मुख्यमंत्री से अलग-अलग भी चर्चा करेगी। राज्य सरकार इंदौर-भोपाल प्रोजेक्ट पर एक साथ काम करना चाहती है। दोनों शहरों में पहले चरण के लिए 15 हजार करोड़ की राशि चाहिए। इसका 80 प्रतिशत हिस्सा जायका से ऋण के रूप में और शेष 20 प्रतिशत हिस्सा यानी 2,812 करोड़ रुपया अगले तीन वर्षों में राज्य सरकार देगी।

पहले चरण में राजबाड़ा से निकलेगी मेट्रो

मेट्रो के चार रूट बनाए हैं। 104 किमी के इन रूट्स में सबसे पहले अरबिंदो, लक्ष्मीबाई नगर, राजबाड़ा, कलेक्टोरेट, लिंबोदी होते हुए खंडवा रोड या निरंजनपुर से राजेंद्रनगर रूट पर काम शुरू हो सकता है।
यूपी के किसान निकाल रहे हैं खेतों के लिए पानी
औरों को जिंदगी देने बचाना होगा एक-एक पल
विकास के नाम पर खोद देते हैं इस शहर को