उज्जैन। ज्योतिर्लिंग महाकाल में 28 फरवरी से शिव विवाहोत्सव की धूम शुरू होगी। पुजारी भगवान को हल्दी लगाकर दूल्हा बनाएंगे। भक्तों को 9 दिन तक भगवान महाकाल के विभिन्न् रूपों में दर्शन होंगे। शिवरात्रि पर भगवान के शीश सवामन फल और फूलों का सेहरा सजेगा।

पुजारी प्रदीप गुरु ने बताया रविवार सुबह भस्म आरती के बाद मंदिर के नैवेद्य कक्ष में भगवान चंद्रमौलेश्वर का पूजन होगा। इसके पश्चात कोटितीर्थ कुंड के समीप स्थित श्री कोटेश्वर महादेव के बाद भगवान महाकाल का पूजन कर नौ दिवसीय महाशिवरात्रि पर्व का संकल्प होगा।
11 ब्राह्मण एकादश-एकादशनी रूद्रपाठ से अवंतिकानाथ का अभिषेक करेंगे। संध्या आरती में भगवान का नित नया शृंगार होगा। पहले दिन भगवान को सोला-दुपट्टा तथा जलाधारी पर मेखला धारण कराई जाएगी।
इन 9 दिनों में भक्तों को भगवान के पंचमुखी शेष नाग, घटाटोप, चंद्रमौलेश्वर, मनमहेश, होल्कर, उमा-महेश, शिव तांडव रूप में दर्शन होंगे।