गोवा। गोवा में तीन दिन तक चले ब्रिक्स और बिम्सटेक सम्मेलन में सबकी नजर चीन की चाल पर थी। जैसा की अंदेशा था, चीन के राष्ट्रपति शी जिंनपिंग अपनी चाल चल भी गए। पाकिस्तान के खिलाफ चीन ने एक भी शब्द नहीं बोला ना ही भारत के रुख का समर्थन किया। इसके उलट ये नसीहत दे डाली कि किसी भी देश को धर्म और आतंकवाद के नाम पर निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए। साफ है, भारत को चीन की टेड़ी चाल पर नजर रखनी होगी, वरना चीन की आगे की रणनीति भारत के लिए मुसीबत बन सकती है।chin

दरअसल, ब्रिक्स में शामिल होने आए शी जिंनपिंग का रुख शुरू से ही रूखा बना रहा। लेकिन उनका एजेंडा साफ था कि वो भारत के साथ व्यापार का फायदा तो उठाना चाहते हैं, लेकिन आतंक के मुद्दे पर पाकिस्तान का साथ नही छोड़ना चाहते। इसलिए पीएम मोदी ने जब शी जिंनपिंग से अपनी बातचीत में पाकिस्तान और अजहर मसूद का मुद्दा उठाया तो चीन ने कुछ भी भरोसा देने से इनकार कर दिया।

भारत चाहता है कि अजहर मसूद को यूएन में अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित किया जाए। इसके लिए यूएन में प्रस्ताव पास कराना है, जिस पर 15 देशों की कमेटी फैसला करती है, लेकिन चीन इस पर अब तक कुछ नहीं बोल रहा। चीन को 31 दिसंबर तक अपना रुख साफ करना है, अगर वह साथ नहीं देता तो ये प्रस्ताव खारिज हो जाएगा।

चीन भारत को एनएसजी की सदस्यता में भी रोड़े अटका रहा है। वह पाकिस्तान के खिलाफ भी कुछ नहीं बोलना चाहता। दरअसल, चीन जानता है कि भारत सबसे तेज इकानॉमी है और अगर आतंकवाद रहा तभी इस विकास पर लगाम लगेगी। चीन की खुद की हालत खराब है और उसे भारत के बाजार की जरुरत भी है। पाकिस्तान के गिलगित से ग्वादर पोर्ट तक बनने वाली सड़क से भी फायदा होगा, इसलिए भी वो बोलने से बच रहा है।

चीन को इस बात का गुस्सा भी है कि भारत ने अमेरिका के दौरे में चीन में मानवाधिकारों के उललंघन और गिलगित-बालटिस्तान पर अलग से पूरा पेपर क्यों दिया। चीन को लगता है कि अमेरिका के करीब जाने के लिए भारत ये सब कर रहा है और इसका चीन पर असर हो रहा है।

शी जिंनपिंग ने ब्रिक्स के सम्मेलन के दौरान ही नेपाल, बंगलादेश और म्यामांर की आन सांग सू की के साथ भी अलग से मुलाकात की। इससे भारत के कान खड़े हो गए। ये सू की के म्यामांर में चुनाव जीतने के बाद शी जिंनपिंग से पहली मुलाकात थी। इतना ही नही नेपाल के पीएम प्रचंड दहल से जब शी जिंनपिंग की मुलाकात 40 मिनट से ज्यादा चली तो खुद पीएम मोदी वहां बीच बैठक में पहुंच गए।