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सीमा शुल्क दिए बिना उपहार के नाम पर सामान बेच रहीं चीनी ई-कॉमर्स कंपनियों पर भारत ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इस मामले से जुड़े दो लोगों ने बताया कि टैक्स और कस्टम अधिकारियों के पत्र लिखने के बाद सरकार ने डाकघर एवं कुरियर कंपनियों से चीन से आने वाले सामानों पर नजर रखने को कहा है।

इस मामले से अवगत एक व्यक्ति ने बताया- अब तक कस्टम विभाग को सख्त कार्रवाई करने को कहा जाता था, लेकिन डाकघर को भी ऐसे खरीद पर नजर रखने को कहा गया है। उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) ने देश के सभी बंदरगाहों को लिखित में निर्देश दिया है कि वे जांच करें कि चीन से आ रहा कोई सामान उपहार है या नहीं।

इससे पहले सरकार ने मुंबई के रास्ते माल का आयात बंद कर दिया था। अब वह चेन्नई और कोलकाता समेत देश के अन्य हिस्सों से आयात बंद करने पर विचार कर रही है।

नियमों की आड़ में कारोबार

सूत्रों का कहना है कि सरकार को जांच में पता चला है कि अली एक्सप्रेस और शीन जैसी अधिकतर चीनी ई-कॉमर्स कंपनियां उपहार बताकर भारत में सामान भेज रही हैं, जिस पर कोई टैक्स नहीं लगता है। नियमों के मुताबिक, 5,000 रुपये तक के उपहार पर भारत में कोई टैक्स नहीं लगता है।

ये कंपनियां इस नियम की आड़ में धड़ल्ले से कारोबार कर रही हैं। कस्टम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि जांच में अक्सर पाया जाता है कि ये चीनी ई-कॉमर्स कंपनियां पूर्व अनुमति और सीमा शुल्क दिए बिना अधिकृत पंजीकृत कुरियर के जरिए सामान बेच रही हैं।