लखनऊ/ नई दिल्ली
समाजवादी पार्टी में पिता मुलायम सिंह यादव और बेटे सीएम अखिलेश के बीच सियासी घमासान जारी है। अखिलेश की ओर से बुलाए गए राष्ट्रीय अधिवेशन में पार्टी अध्यक्ष के पद से बेदखल किए जाने के बाद मुलायम जवाबी हमला कर सकते हैं। मुलायम खेमे की ओर से दावा किया गया है कि अखिलेश और रामगोपाल को निष्कासित करने का जो फैसला वापस लिया गया, वह अस्थायी था। ऐसे में उनका निष्कासन आगे भी लागू है और उन्हें राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाने का अधिकार ही नहीं था।

मुलायम के करीबी सूत्रों ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि अखिलेश और रामगोपाल का निष्कासन वापस लेने की कागजी प्रक्रिया पूरी नहीं हुई। इसके अलावा, निष्कासन वापस लेने की शर्त भी यही थी कि उनकी ओर से अधिवेशन नहीं बुलाया जाएगा।

मुलायम के नजदीकी सूत्रों के मुताबिक, चूंकि अधिवेशन फिर भी हुआ, इसलिए निष्कासन वापस ही नहीं हुआ। मुलायम के नजदीकियों का मानना है कि चुनाव आयोग के सामने उनका पक्ष मजबूत है क्योंकि सिर्फ राष्ट्रीय अध्यक्ष ही अधिवेशन बुला सकता है, अयोग्या घोषित सदस्य नहीं।