पत्थरबाजों पर अब पैलेट गन नहीं, प्लास्टिक की गोलियां बरसेंगी!

कश्मीर में सुरक्षाबलों पर पथराव करने वालों से निजात पाने के लिए सेना अब एक और विकल्प पर विचार कर रही है. अब पथराव करने वालों पर काबू पाने के लिए घाव नहीं करने वाली प्लास्टिक की गोलियों का इस्तेमाल किए जाने की संभावना है. यह कवायद इसलिए की गई है ताकि प्रदर्शन के दौरान कम से कम नुकसान हो.

हालांकि गैर घातक श्रेणी में आखिरी उपाय के तौर पर पैलेट गन का इस्तेमाल जारी रहेगा. आधिकारिक सूत्र के मुताबिक हजारों की संख्या में प्लास्टिक की गोलियों का उत्पादन किया गया है. इनके इस्तेमाल के लिए कश्मीर घाटी भेज दिया गया है. इन प्लास्टिक की गोलियों से घाव नहीं होता और इन्हें इंसास रायफल से भी दागा जा सकता है.

सुरक्षा बलों को अक्सर हिंसक विरोध प्रदर्शनों, पथराव करने वाली भीड़ का सामना करना पड़ता है. यह स्थिति सुरक्षा बलों एवं आतंकियों के बीच मुठभेड़ के दौरान विशेष रूप से बनती है. कई बार आतंकी भीड़ की मदद से फरार होने में सफल हो जाते हैं.

इस समय सुरक्षा बल भीड़ पर काबू पाने के लिए रायफलों के इस्तेमाल से पहले गैर घातक श्रेणी में आखिरी विकल्प के तौर पर पावा (पेलार्गोनिक एसिड वैनिलिल एमाइड) गोलों और पैलेट गन का इस्तेमाल करते हैं.