पटना। पटना हाई कोर्ट ने बिहार के शराबंदी कानून को गैर सांविधानिक करार कर नीतीश कुमार सरकार को एक बड़ा झटका दिया है। पटना हाई कोर्ट की पीठ ने बिहार में पांच अप्रैल से लागू नए उत्पाद अधिनियम को गैर सांविधानिक करार देते हुए इसे रद्द कर दिया। हाई कोेर्ट ने शराबबंदी कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करने के बाद फैसला शुक्रवार तक के लिए सुरक्षित रखा लिया गया था। इस कानून के रद्द होने के बाद बिहार सरकार को जहां गहरा झटका लगा है, वहीं राज्य में निषेध समर्थक आम लोग हैरान हैं।

जेडीयू नेता राजीव रंजन ने शराबबंदी पर हाई कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा है कि वह कोर्ट के फैसले का आदर करते हैं। सरकार हाई कोर्ट के फैसले के न्यायिक विकल्पों पर विचार करेगी, लेकिन उससे पहले फैसले का अध्ययन करेगी। ये निर्णय (शराबबंदी)  सैद्धांतिक तौर पर बड़े बदलाव का वाहक बना है। इससे प्रदेश में अपराध के आंकड़े घटे हैं।

नीतीश को बड़ा झटका, हाई कोर्ट ने शराबबंदी कानून को रद्द किया

पटना हाई कोर्ट ने बिहार के शराबंदी कानून को गैर सांविधानिक करार कर नीतीश कुमार सरकार को एक बड़ा झटका दिया है।
गौरतलब है कि बिहार में शराबबंदी कानून का कई संगठनों ने विरोध किया था। इसी सिलसिले में कई संस्थाओं द्वारा पटना हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। राज्य में नई उत्पाद नीति के अनुरूप राज्य के दोनों सदनों ने शराबबंदी विधेयक को सर्वसम्मति से पारित किया था। दोनों सदनों से पारित होने के बाद राज्यपाल रामनाथ कोविंद ने भी इस पर मुहर लगा दी थी। नए शराबबंदी कानून के प्रभावी नहीं होने को लेकर विपक्ष लगातार सत्ता पक्ष पर निशाना साध रहा था।