दिल्ली-बेंगलुरु में रॉबर्ट वाड्रा के ठिकानों पर ईडी की रेड, वकील ने बताया- चुनावी साजिश

दिल्ली-बेंगलुरु में रॉबर्ट वाड्रा के ठिकानों पर ईडी की रेड, वकील ने बताया- चुनावी साजिश

ईडी ने दिल्ली-एनसीआर और बेंगलुरू में रॉबर्ट वाड्रा के करीबीयों से जुड़े तीन जगहों पर छापा मारा है।

नई दिल्ली:  प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को दिल्ली-एनसीआर और बेंगलुरू में रॉबर्ट वाड्रा से जुड़े ठिकानों पर के छापा मारा है। जानकारी के अनुसार ED ने दिल्ली-एनसीआर में वाड्रा के करीबियों के ठिकानों पर छापा मारा है। बताया जा रहा है कि ये छापे रक्षा सौदे में कुछ लोगों द्वारा कथित रिश्वत लेने के संबंध में मारे गए हैं हालांकि, अाधिकारिक सूत्रों ने रक्षा सौदे के बारे में जानकारी देने से इनकार कर दिया। जानकारी के अनुसार, स्काईलाइट हॉस्पिटलिटी के सुखदेव विहार स्थित कार्यालय में छापे पूर्वाह्न् 11 बजे मारे गए। वाड्रा के वकील सुमन ज्योति खेतान ने इन छापों को बदले की राजनीति और दुर्भावनापूर्ण बताया।

मीडिया से बातचीत के दौरान वाड्रा के वकील ने कहा कि लाइट हॉस्पिटैलिटी के लिए काम कर रहे हमारे लोगों को भीतर बंद कर दिया गया है। किसी को अंदर जाने की इजाजत नहीं है। क्या यह जेल है? वकील ने यह यह भी कहा कि इन्हें पिछले साढ़े चार साल में कुछ भी नहीं मिला है,जिस वजह से वे हमारे खिलाफ जालसाजी कर रहे हैं।

वकील ने यह भी दावा किया कि दिल्ली के सुखदेव विहार स्थित स्काइ लाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड के दफ्तर में रेड के दौरान ईडी ने दरवाजा तोड़कर प्रवेश किया था और दफ्तर में 14 घंटे से कर्मचारी बंद हैं।

जानकारी के मुताबिक, ईडी ने बेंगलुरू में भी वाड्रा के करीबीयों के ठिकानों पर छापा मारा है। वाड्रा के वकील ने कहा कि एक न्यूजपेपर के मुताबिक, मेरे क्लाइंट को इडी की तरफ से तीन समन जारी किए गए हैं लेकिन सच ये है कि हमें एक भी समन नहीं मिला है उन्होंने कहा कि ईडी के अधिकारियों के पास सर्च वारंट नहीं है, इसके बावजूद छापेमारी की कार्रवाई की जा रही है। मुझे भी अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है।

हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय ने वाड्रा को समन भेजा था जिसके बाद वाड्रा ने सरकार पर राजनीतिक रूप से पीछे पड़ने और सरकारी विभागों के जरिये उनकी प्रतिष्ठा धूमिल करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा, ‘पिछली बार उन्होंने दस्तावेजों के लिए समन किया। मेरे वकील वहां तीन घंटे तक बैठे और विस्तृत दस्तावेज सौंपे। यह बड़ी अजीब बात है कि मुझे 24 घंटे के भीतर एक और समन भेज दिया गया, जबकि मेरी तरफ से सौंपे गए 600 दस्तावेजों पर गौर भी नहीं किया।’