राजस्थान के करौली जिले में टोडाभीम के खेडी गांव की दो बहनों ने अपने तीन बच्चों के साथ दौसा जिले के मंडावर-अजमेर-आगरा रेलवे ट्रेक पर ट्रेन से कटकर जान दे दी. आत्महत्या का कारण दहेज प्रताड़ना बताया जा रहा है.मामले में मायके पक्ष के लोगों ने टोडाभीम थाने में दहेज के लिए प्रताड़़ित करने व आत्महत्या के लिए मजबूर करने का मामला दर्ज कराया है.परिजनों ने बताया कि मामले में मंडावरा थाना पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं कर रही थी. इसलिए महवा के डीएसपी को निलंबित किया जाए और आरोपी ससुराल वालोंं को गिरफ्तार किया जाए उसके बाद ही शवों का अंतिम संस्कार किया जाएगा. मृतकों के शव टोडाभीम थाने में जीप में रखे हुए हैं.घटना की सूचना पर टोडाभीम विधायक घनश्याम मेहर भी थाने पर पहुंच गए. उन्होंने डीजीपी से फोन पर बात कराकर टोडाभीम थाने में मामला दर्ज कराया.
पुलिस के अनुसार, मृतकों में रामकेश मीना की पत्नी हेमा (30), राजू मीना की पत्नी पपीता (24) हेमा का दो वर्ष का बेटा कान्हा व पपीता की डेढ़ वर्षीय बेटी राधिका और एक छह माह की बच्ची शामिल है. मरने वाली एक महिला गर्भवती थी.
खेड़ी गांव की रहने वाली दोनों बहनों का विवाह अलवर जिले के राजगढ़ के पिनान तहसील के धर्मपुरा गांव में हुआ था. दोनों बहनें अपने बच्चों को साथ लेकर मंडावर में अलवर रेलवे फाटक के पास पहुंची और  बच्चों को कमर सेे बांधकर अहमदाबाद-आगरा फोर्ट ट्रेन के आगे कूद कर जान दे दीं. सैकड़ों ग्रामीण टोडाभीम थाने पहुंच गए हैं और थाने पर ही जमे हुए हैं.

दहेज उत्पीड़न से तंग दो बहनों ने बच्चों के साथ ट्रेन से कटकर दे दी जान