आय से अधिक संपत्त्‍िा के मामले में तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता हाईकोर्ट से बरी कर दी गई हैं। अब उनके दोबारा मुख्‍यमंत्री बनने का रास्‍ता साफ हो गया है।
 कर्नाटक हाईकोर्ट के रूम नंबर 14 में जस्टिस सीआर कुमारस्वामी ने जो फैसला सुनाया, उसके तहत जयललिता की सहेली शशिकला सहित तीन सहयोगी भी बरी कर दिए गए हैं।
कर्नाटक सरकार सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील कर सकती है
जयललिता फिर से तमिलनाडु की मुख्‍यमंत्री बन सकती हैं
जयललिता पर चुनाव लड़ने की पाबंदी भी खत्‍म हो गई है। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में वह उम्‍मीदवार बन सकती हैं
अकेले जयललिता के दम पर चलने वाली उनकी पार्टी एआईएडीएमके के अस्तित्‍व पर आया संकट खत्‍म हो गया है
‘अम्मा’ के नाम से मशहूर जयललिता के लिए हाईकोर्ट के फैसले का सीधा मतलब यह है कि उनकी तमिलनाडु के सीएम की कुर्सी पर उनकी वापसी लगभग तय है। हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ कर्नाटक सरकार सुप्रीम कोर्ट जाती भी है तो उस पर फैसला होने में वक्‍त लगेगा। ऐसी सूरत में जयललिता तभी सीएम नहीं बन सकतीं, अगर सुप्रीम कोर्ट हाईकोर्ट के फैसले पर स्‍टे लगा दे।
एआईएडीएमके जयललिता के इर्दगिर्द ही घूमती है और वह ही इसका सबसे लोकप्रिय चेहरा हैं।तमिलनाडु में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में जयललिता की पार्टी नए सिरे से मजबूती पाकर विधानसभा चुनाव में दम-खम के साथ उतर सकती है।
आय से अधिक संपत्ति के मामले में प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट यानी पीसीए के तहत निचली अदालत ने जयललिता, शशिकला, जे. एलव अरासी और व्ही. सुधागरन को दोषी करार देते हुए सजा सुना दी थी। इस वजह से जयललिता पर कोई सरकारी पद लेने, छह साल तक चुनाव लड़ने की पाबंदी लग गई थी। नतीजतन उन्‍हें सीएम की कुर्सी छोड़नी पड़ी थी।
जयललिता ट्रायल कोर्ट द्वारा अपने खिलाफ सुनाए गए फैसले के बाद लगभग सात महीने से सार्वजनिक तौर पर नजर नहीं आईं हैं। फैसले के तत्‍काल बाद तो वह जेल चली गई थीं, लेकिन जमानत मिलने के बाद भी वह सार्वजनिक रूप से सामने नहीं आई हैं। उनके चाहने वालों को यकीन है कि सोमवार को वह सार्वजनिक तौर पर नजर जरूर आएंगी।