यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर वाराणसी में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यादवों के मठ कहे जाने वाले गढ़वाघाट आश्रम पहुंचे तो वहां दिलचस्प वाक्या देखने को मिला. उस वक्त प्रधानमंत्री ने सोचा भी नहीं होगा कि उन्हें ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ेगा.

दरअसल, प्रधानमंत्री जब गढ़वाघाट आश्रम पहुंचे तो उनका जोरदार तरीके से स्वागत किया गया. यहां उन्होंने गायों को चारा खिलाया. इस दौरान पीएम का रुद्राक्ष की माला से स्वागत किया गया.

जब बिना कुछ बोले मंच से चले गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री का गढ़वाघाट आश्रम के मंच से संबोधित करने का भी कार्यक्रम था, लेकिन साउंड सिस्टम में शॉर्ट सर्किट होने की वजह से वे बिना कुछ बोले ही वहां से चले गए. यूपी में पूरे प्रचार के दौरान संभवतया यह पहला ऐसा कार्यक्रम था, जहां प्रधानमंत्री किसी मंच पर बिना बोले ही लौट गए हों.

इसके बाद पीएम मोदी दिवंगत प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के घर पहुंचे, जहां उन्होंने उनके परिवार के साथ वक्त बिताया. वहां से प्रधानमंत्री मोदी का काफिला रोहणिया पहुंचा, जहां उन्होंने रैली को संबोधित किया. इस दौरान पीएम ने जमकर अखिलेश सरकार पर तंज कसे.

अखिलेश सरकार पर निशाना साधते हुए पीएम ने कहा कि यूपी में अब हत्या, लूट और बलात्कार का बोलबाला है. यहां नौकरी के लिए रेट लगाए जाते हैं और पुलिस थाने तो अब समाजवादी पार्टी के दफ्तर बन गए हैं.

अखिलेश सरकार यहां के किसानों के साथ अन्याय कर रही है. कालाबाजारी के चलते किसानों को यूरिया नहीं मिल रहा है. इस वजह से किसानों का दर्द बढ़ता जा रहा है. ऐसे में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी से यूपी की जनता मुक्ति चाहती है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि साल 2022 में जब हिंदुस्तान की आजादी के 75 साल होंगे, तब तक देश का कोई नागरिक ऐसा न हो जिसके पास अपना घर न हो. ऐसा बीजेपी ने लक्ष्य रखा है. किसानों की जिंदगी बदलने के लिए हमारी सरकार काम कर रही है. देश के विकास के लिए गांव की तस्‍वीर बदलना जरूरी है. केंद्र सरकार का लक्ष्‍य है कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो जाए.

सियासी लिहाज से यूपी का आखिरी और सातवां चरण बेहद अहम है. वाराणसी सहित सात जिलों की 40 विधानसभा क्षेत्रों में सोमवार शाम चुनाव प्रचार थम जाएगा. इस चरण में गाजीपुर, वाराणसी, चंदौली, मिर्जापुर, भदोही, सोनभद्र और जौनपुर में आठ मार्च को मतदान होगा. वोटों की गिनती 11 मार्च को होगी.