सांकेतिक तस्वीर
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मध्य प्रदेश में सड़कों पर आवारा घूम रहे निराश्रित गोवंश को जल्द ही गौ-शालाओं में रखा जायेगा। इसके लिए 16 जनवरी से पायलट प्रोजेक्ट भोपाल से शुरू किया जाएगा। मध्य प्रदेश के पशुपालन, मछुआ कल्याण और मत्स्य विकास मंत्री लाखन सिंह यादव ने बताया, ‘आवारा गोवंश को गौ-शालाओं में रखा जायेगा। इससे गाय-बैल सड़कों पर नहीं घूमेंगे। पायलट प्रोजेक्ट 16 जनवरी से प्रदेश की राजधानी भोपाल से शुरू होगा और 5,000 से अधिक निराश्रित गोवंश को शहर के बाहरी इलाके सूखी सेवनिया में बनी बरखेडी गौशाला में रखा जायेगा।’

उन्होंने कहा कि फिलहाल गौसंवर्द्धन के मद में 50 करोड़ रूपये हैं। गौशाला में उनके लिए चारे की व्यवस्था भी की जा रही है। यादव ने बताया, ‘जिला कलेक्टर सहित सारे संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये गए हैं कि 16 जनवरी से भोपाल नगर निगम इलाके में युद्धस्तर पर पॉयलट प्रोजेक्ट चलाएं। मैं उनको आवारा गोवंश पकड़ने के लिए 6 दिन का समय दे रहा हूं। 22 जनवरी के बाद निरीक्षण के दौरान भोपाल में एक भी निराश्रित गाय-बैल सड़कों पर आवारा घूमते हुए मिले तो निश्चित तौर पर संबंधित जिम्मेदार अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।’

उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के वचन पत्र में कहा गया था कि हर ग्राम पंचायत में गौशाला खोली जाएगी और संचालन हेतु अनुदान दिया जाएगा। ‘घोषणा पत्र पर मैं 100 प्रतिशत अमल करने में लगा हूं।’ प्रदेश को आवारा पशु विहीन बनाने की समय सीमा के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा ‘मैं इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले ही परिणाम दूंगा।’

यादव ने कहा, ‘प्रदेश के सभी 52 जिलों के कलेक्टरों को पत्र लिख कर कहा गया है कि वे अपने-अपने जिलों में आने वाली पंचायतों में वह सरकारी भूमि चिन्हित करें, जहां गौशाला बनाई जा सके। फिर हमें इसकी सूचना दी जाए ताकि गौशाला निर्माण किया जा सके।’ उन्होंने कहा कि प्रदेश में निराश्रित गोवंश का यूआईडी टैग से पंजीयन किया जा रहा है।

मध्य प्रदेश पशुपालन विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, वर्तमान में प्रदेश में अनुमानित 6 लाख निराश्रित गोवंश हैं। प्रदेश में कुल पंजीकृत 1285 गौशाला में से 614 क्रियाशील गौशाला हैं, जिनमें 1,53,834 गौवंश हैं।