मोतिहारी : बिहार के पूर्वी चंपारण जिला पुलिस ने मंगलवार को तीन ऐसे अपराधियों को धर दबोचा जिन्होंने स्वीकारा है कि वे रेल को निशाना बनाने के लिए आईएसआई से संदिग्ध तौर पर संबंध रखने वाले पड़ोसी देश नेपाल के एक नागरिक के लिए काम करते थे।

बिहार के घोड़ासहन रेल ट्रैक बम कांड की तफ्तीश के दौरान मोतिहारी पुलिस ने खुलासा किया है कि इनके तार पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़े हो सकते हैं।गौरतलब है कि 20 नवंबर को कानपुर के पास इंदौर-पटना एक्सप्रेस को निशाना बनाया गया था। इस हादसे में 150 लोगों की मौत हुई थी।वहीं, इस मामले की जांच के लिए यूपी एटीएस की एक टीम मोतिहारी के लिए रवाना हो गई है। पूर्वी चंपारण जिला के पुलिस अधीक्षक जितेंद्र राणा ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि आदापुर थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किए गए इन अपराधियों में मोती पासवान, उमा शंकर पटेल और मुकेश यादव शामिल हैं।पूछताछ के दौरान गिरफ्तार अपराधियों ने स्वीकारा कि पूर्वी चंपारण जिला के घोड़ासाहन में एक रेल पटरी को उड़ाने के लिए बम लगाने के वास्ते आईएसआई से जुडे ब्रजेश गिरी नामक एक नेपाली नागरिक ने उन्हें तीन लाख रुपये दिए थे।पुलिस अधीक्षक ने बताया कि उक्त पटरी पर लगाए गए बम को ग्रामीणों की मदद से विस्फोट होने के पूर्व बरामद कर लिया गया था तथा उसे निष्क्रिय कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि इन तीनों की गिरफ्तारी हालांकि पूर्वी चंपारण जिला में हुई है, पर कई अन्य नेपाल के तिलैया में गिरफ्तार किए गए थे।राणा ने बताया कि दो अन्य अपराधी गजेंद्र शर्मा और राकेश यादव की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है, जो पूर्व चंपारण जिला में छुपे हुए हैं। मोती पासवान और उसके दो अन्य सहयोगियों पेशेवर अपराधी हैं और इनकी एक दर्जन से अधिक अपराधिक मामलों में संलिप्तता रही है।राणा ने बताया कि एटीएस और अन्य सुरक्षा एजंसियों को इन अपराधियों द्वारा किए गए खुलासे से सूचित कर दिया गया है तथा इनकी कानपुर रेल हादसे सहित अन्य स्थानों पर हुए रेल हादसों में संलिप्तता रही है। इस बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए उनसे और भी पूछताछ की जा रही है।उल्लेखनीय है नेपाल से सटे बिहार के पूर्वी चंपारण जिला के रक्सौल से ही अगस्त 2013 में इंडियन मुजाहिदीन के प्रमुख यासिन भटकल को गिरफ्तार किया गया था।