कठुआ गैंगरेप पीड़िता को दी गई थीं नशीली दवाएं

कठुआ गैंगरेप पीड़िता को दी गई थीं नशीली दवाएं

जम्मू एवं कश्मीर के कठुआ में 8 साल की बच्ची के साथ मंदिर के अंदर 7 दिनों तक गैंगरेप करने के मामले में पुलिस ने दहला देने वाला खुलासा किया है. पुलिस के मुताबिक, सात दिनों तक लगातार अत्याचार सहने के बावजूद पीड़िता इसलिए मदद के लिए चीख पुकार नहीं मचा सकी, क्योंकि किडनैप किए जाने के थोड़ी ही देर बाद आरोपियों ने बच्ची को भांग खिला दी थी.

पुलिस ने बताया कि बच्ची को किडनैप करने वाले मुख्य आरोपी 15 वर्षीय नाबालिग ने बच्ची के मुंह में जबरन भांग ठूंस दी, इस दौरान दूसरे आरोपी ने बच्ची के पैरों को दबाए रखा. आरोपियों ने बच्ची को कई दिनों तक मंदिर के अंदर बंधक बनाकर रखा और लगातार उसे नशीली दवाएं खिलाते रहे, जिससे कि पीड़िता अपने साथ हो रहे अत्याचार का विरोध नहीं कर सकी.

हिंदुस्तान टाइम्स की खबर में घटना की जांच कर रही क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि पीड़िता को एपीट्रिल 0.5 एमजी की कई गोलियां खिलाई गईं. डॉक्टरों ने पुलिस को बताया कि किसी को दिनभर में एपिट्रिल 0.5 एमजी की एक गोली से अधिक के सेवन का परामर्श नहीं दिया जाता. लेकिन आरोपियों ने पीड़िता को एक दिन में आठ गोलियां तक खिला डालीं.

जांच अधिकारी ने बताया कि 10 जनवरी, 2018 को बच्ची लापता हुई और बच्ची के माता-पिता उसे खोजते हुए अगले दिन मंदिर के पास तक गए भी. लेकिन आरोपियों ने बड़ी ही चालाकी से पीड़िता के माता-पिता को मंदिर के बाहर से ही गुमराह कर दिया.

पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने किडनैपिंग के तीसरे दिन 13 जनवरी को पीड़िता की हत्या कर दी थी, लेकिन मौसम बेहद सर्द होने के चलते शव के सड़ने की कोई चिंता नहीं थी. हत्या के 3 दिन बाद 16 जनवरी तक आरोपी बच्ची के शव को मंदिर के अंदरही रखे रहे.

हालांकि घटना में मुख्य आरोपी बनाए गए राजस्व विभाग के रिटायर्ड अधिकारी 62 वर्षीय सांजी राम के घरवाले हालांकि पुलिस के आरोपों से साफ इनकार कर रहे हैं. उनका कहना है कि जब चारों ओर घने जंगल हैं, तो वह बच्ची के शव को घर से महज 100 मीटर की दूरी पर क्यों फेंक देंगे.