नई दिल्ली। दिल्ली के उपराज्यपाल पद से नजीब जंग के इस्तीफे के एक दिन बाद शुक्रवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया उनसे मिलने पहुंचे। शुक्रवार सुबह हुई मुलाकात के बाद केजरीवाल ने इसे सिर्फ औपचारिक मुलाकात बताया। दोनों की मुलाकात एक घंटे तक चली। केजरीवाल से जब सवाल किया गया कि एक घंटे क्या बात हुई तो उन्होंने कहा कि यह नाश्ते पर हुई मुलाकात थी।

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जंग के इस्तीफा के बारे में पूछे जाने पर केजरीवाल ने कहा, ‘उन्होंने निजी कारणों से इस्तीफा दिया।’ जंग के अचानक इस्तीफे के बारे में कोई विस्तृत जानकारी दिए बगैर उप राज्यपाल के कार्यालय ने गुरुवार को कहा था, ‘वह शिक्षण की ओर लौटना चाहते हैं।’ जंग के निर्णय को राजनीतिक गलियारों में हैरानी के रूप में देखा गया। उनके करीबी सूत्रों ने गुरुवार को कहा था कि आप सरकार के साथ अधिकार को लेकर अपने कटु रिश्ते के कारण उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया है और वह पिछले कुछ महीनों से पद छोड़ने पर विचार कर रहे थे।

गुरुवार को जब जंग की इस्तीफे की खबर सामने आयी उस समय मुख्यमंत्री रांची में थे। केजरीवाल ने ट्वीट किया था, ‘श्री जंग के इस्तीफे से मैं अचरज में हूं। उनके भविष्य की योजनाओं के लिए मेरी शुभकामनाएं।’ केजरीवाल शुक्रवार को राजनिवास के दूसरे गेट से अंदर गये जबकि अक्सर बैक गेट का इस्तेमाल करते हैं।

सीएम केजरीवाल के बाद डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया नजीब जंग से मिले। मुलाकात के बाद सिसोदिया ने बताया कि उपराज्यपाल के पद से अचानक इस्तीफा देने पर उन्होंने कोई नाराजगी नही जताई है। उन्होंने यही कारण बताया है कि वह परिवार को समय देना चाहते हैं। एकेडमिक्स में वापस जाना चाहते हैं। पिछले एक साल से इस्तीफा देने की सोच रहे थे, लेकिन दिल्ली में चिकनगुनिया आदि, कुछ इस तरह के मामले होते रहे, जिसकी वजह से वह इस्तीफा नहीं दे पाए।

वहीं, नजीब जंग के इस्तीफे के बाद से इसपर राजनीति भी तेज है। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने कहा कि बीजेपी और केजरीवाल की वजह से एलजी को इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया। बीजेपी दिल्ली में म्युनिसिपल चुनाव में तीसरे नंबर पर आने को पचा नहीं पाई या आरएसएस की तरफ से दबाव आया कि उनको इस्तीफा देना पड़ा। अभी तक सब ठीक चल रहा था तो एकदम से कैसे उनको इस्तीफा देने को कहा गया?

वहीं, गृह राज्यमंत्री किरन रिरिजू ने कहा कि जंग जी ने इस्तीफा क्यों दिया है, ये वही बतायेंगे। इसको लेकर अटकलें लगाना सही नहीं है। आप और कांग्रेस के लोग जब वो काम कर रहे थे तो कहते थे कि उनको इस्तीफा देना चाहिए था जब दे दिया तो कह रहे हैं क्यों दिया। पता नहीं वो लोग क्यों कूद पड़ते हैं।

दिल्ली बीजेपी के वरिष्ठ नेता विजेंद्रर गुप्ता ने कहा कि इतने आरोप-प्रत्यारोप लगे पर वो कभी अपसेट नहीं हुए थे। हम लोगों का एक डेलीगेशन उनसे मिला था तो लग नहीं रहा था कि वो रिजाइन देगें। उनको अभी इस्तीफा नहीं देना चाहिए था, दिल्ली को उनकी जरूरत थी। उन्होंने दिल्ली में बहुत सूझबूझ से काम किया है।