जिले के करीब दो लाख विद्यार्थियों की इस साल की छात्रवृत्ति अटक गई है। विभाग को जिले में 31 दिसंबर तक करीब 10 करोड़ की छात्रवृत्ति बांटना थी, लेकिन समग्र छात्रवृत्ति योजना के तहत होने वाले सर्वे का काम अब तक अधूरा है। इसके चलते लाखों विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति नहीं मिल सकी है।दरअसल शिक्षा विभाग ने इस वर्ष समग्र छात्रवृत्ति योजना शुरू की है। इसके तहत सभी तरह की छात्रवृत्ति शिक्षा विभाग की ओर से दी जाएगी और इसके लिए समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन आईडी की जरूरत थी। आईडी का काम सितंबर में पूरा होना था, लेकिन अब तक नहीं पाया है। इसके चलते अभी तक बजट भी नहीं आ सका। छात्रवृत्ति के लिए जिले में करीब दस करोड़ रूपए बंटना है।

अभिभावक परेशान
छात्रवृत्ति के लिए आईडी बनाने के लिए पिछले दो महीने से अभिभावक परेशान हो रहे हैं। आईडी के अलावा अभिभावकों को जाति व आय प्रमाण पत्र भी जमा कराने हैं। जिले में महज 35 फीसदी बच्चों के ही सभी रिकॉर्ड प्राप्त हो पाए हैं। चुनाव बाद स्कूलों में ज्यादातर आईडी और छात्रवृत्ति का काम किया जा रहा है, जिससे पढ़ाई प्रभावित हो रही है।

जिले में महज 35 फीसदी टारगेट
जिले में अभी समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन आईडी का काम महज 35 फीसदी हुआ है। दरअसल सामाजिक न्याय विभाग की ओर से जो सर्वे डिटेल उपलब्ध करवाई गई थी, वह अधूरी थी। इसके बाद फिर से सर्वे का काम शुरू हुआ है, लेकिन जिले के लगभग चार लाख बच्चों का सर्वे करना आसान नहीं है। इस पूरी प्रक्रिया में अब भी समय लगेगा। ट्रिपल एसएम आईडी के नोडल अधिकारी एनएस सोलंकी ने बताया कि जिला अभी प्रदेश 21वें स्थान पर है। यहां काम अच्छा चल रहा है।